Home Motivational निराश मत बैठिये। आप खुद बदल सकते है अपना भाग्य

निराश मत बैठिये। आप खुद बदल सकते है अपना भाग्य

by Odd News
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जब भी भाग्य की बात आती है हर व्यक्ति यही सोचता है की जो होना है वो तो होके ही रहेगा फिर आप कितनी भी मेहनत कर लें या न करें जो भाग्य में नही है वो नही मिलेगा और जो भाग्य में है वो मिल कर ही रहेगा।
और फिर जब हमें कुछ हासिल नही होता है तो फिर हम अपने भाग्य को कोसने लगते है की किस्मत में लिखा ही नही है।
तो कभी पंडितों की बातों में आ कर न जाने क्या क्या करते है कभी हाथ दिखाते है कभी कुंडली।
और हमारी वही पुरानी आदत, दूसरा व्यक्ति तो बिना मेहनत के इतना खुश है सब कुछ है और आराम की ज़िंदगी है मेरे ही भाग्य में नही है।

ये तो वही बात हुई की अजगर और चिड़िया भी तो कुछ काम नही करते कुछ मेहनत नहीं करते फिर उन्हें भी तो खाना मिल ही जाता है तो जो भाग्य में होता है मिल ही जाता है और मिल जाएगा बस धैर्य रखना चाहिए, ऐसी सोच ले कर चले तो बेचारा भाग्य भी क्या करेगा।
याद रखिये बिना समस्या से जूझे बिना हल नही मिलेगा और जो समस्या से जूझ गया उसका भाग्य जरूर चमकेगा।
दरअसल भाग्य है क्या ? सिर्फ भगवान की कृपा।  जीवन में कैसी भी विषम परिस्थिति सामने आए लेकिन अपना इष्ट, अपना गुरुमन्त्र कभी नहीं छोड़ना चाहिए। भाग्य अपना कार्य करता है, शास्त्र कहता है कि भाग्य बड़ा प्रबल है, मगर पुरुषार्थ द्वारा भाग्य को तोड़कर सौभाग्य में बदला जा सकता है।

देखिये सोच भी आपकी वैसे ही काम करती है एक भिखारी जब तक भीख मांगता है वह सिर्फ भीख ही मांगता है और ये सोचता है एक दिन का जितना भाग्य में लिखा होगा मिल जाएगा और वह जिंदगी भर भीख ही मांगेगा
यदि अगर वह थोड़ा आगे बढ़ने की कोशिश करें और एक ब्रश खरीद जहाँ वह भीख मांगता है वहीँ बूट पोलिश करना स्टार्ट कर दे तब रहेगा वह भाग्य के ही भरोसे की जितना मिलेगा मिल जाएगा लेकिन उसका काम बढ़ा वह कर्मठ बना और मेहनत करने लगा उसने कर्म स्टार्ट किया।  धीरे धीरे वह सोचेगा की एक स्थायी दूकान बनाई जाये बूट पोलिश की और बाकि भाग्य के भरोसे जितना मिलेगा मिल जाएगा।

तो समस्या को सिर्फ भाग्य से न तोल थोड़ा आगे सोचेंगे मेहनत करेंगे रिस्क लेंगे तो भगवान भी मदद करेंगे।
क्या आप ऐसे इंसान को उधार दे सकते है जिसनें कुछ नही करने की ठान ली है है या जिसका कोई उद्देश्य नही जो सिर्फ भाग्य के भरोसे जीता है कभी नही।  क्यों की आपको उससे कोई अपेक्षा नही तो फिर भगवान अपनी कृपा आपको क्यों दे जब आपने भाग्य के भरोसे जिंदगी जीने की ठान ली हो।

कैसी भी परिस्तिथि हो मन को कमजोर नही होने देना कृपा भी होगी और भाग्य भी बदलेगा …

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