
लेकिन यहाँ मामला रिकॉर्ड का नही है…
तमिलनाडु के तिरुपुर नें रहने वाले मणि मणि थन नें 1988 में हो रही आतंकवादी गतिविधियों से तंग आकर विश्व शांति के लिए यह तरीका अपनाया था उन्होंने विरोध जताने का और आतंकवादी गतिविधियों की निंदा करने का एक अनोखा ही कदम उठाया और वो था तिरुपुर से चेन्नई तक उलटे चलके जाना और तकरीबन तीन सौ किलोमीटर का ये सफर उन्होंने उलटे पाँव ही तय किया उस यात्रा के दौरान मणि लगातार उलटे चलते रहे वे काफी तनाव में आ चुके थे उसके बाद से आज तक वे उल्टा ही चल रहे है पहले ऐसा माना जा रहा था की मणि सीधा चलना ही भूल गए है।
इस बारे में बात करने पर मणि नें बताया की वो लम्बी यात्रा बहुत कठिन थी और इतना लम्बा सफर उलटे तय करना बड़ा चुनौती वाला था लेकिन यात्रा के दौरान धीरे धीरे वे सहज होते चले गए और अब उन्हें उल्टा चलने में ही मजा आता है सीधा चलना थोड़ा मुश्किल लगता है
इतना ही नहीं मणि बताते है की वे सीधा चलना ही भूल चुके है उन्हें सामान्य तरीके से सीधे चलने में दिक्कत होती है वे अपने नित्य काम उलटे ही करते है वे सिड्डियां उल्टा चढ़ते है सड़क उलटी पार करते है और तो और बस में भी उलटे पाँव ही चढ़ते है और बड़ा सहज महसूस करते है उन्हें कोई परेशानी नही होती है।