सभी पेरेंट्स चाहते है की उनका बच्चा आगे चलकर बहुत बड़ा आदमी बने बहुत नाम कमाए और सभी सुख के साथ अपना जीवन जीयें और इसके लिए वो अपनी तरफ से कोई कमी नही छोड़ते है लेकिन कुछ पेरेंट्स अपने बच्चे के सुनहरे भविष्य के लिए किस हद तक जा सकते है इसका अंदाज़ा शायद आप नही लगा सकते।
ऑडी के अनुसार अपने ही देश में महाराष्ट्र राज्य के सोलापूर नाम की जगह पर पेरेंट्स अंधविश्वास की हदें पार कर जाते है और डाल देते है अपने बच्चे की जान जोखिम में।
यहाँ अपने छोटे छोटे बच्चों को लाकर पचास फुट की ऊँची मीनार से नीचे फेंक दिया जाता है नीचे कुछ लोग लम्बी सी चादर हाथ में लिये खड़े रहते है जैसे ही बच्चा नीचे गिरता है वे उसे पकड़ लेते है यह प्रथा पिछले पांसों सालों से चली आ रही है माना जाता है की ऐसे छोटे बच्चों को नीचे फेंकने से उन्हें अच्छे भविष्य की दुआएं लगती है और वह अच्छी सेहत और बढ़िया भाग्य के साथ जीवन जीता है और खूब तरक्की करता है।
सिर्फ यहीं नही बल्कि केरल के अठानी ताल्लुक स्थित श्री श्रीद्धेश्वर मंदिर में भी ये प्रथा है वहां पेरेंट्स अपने बच्चे को तीस फुट की ऊंचाई से नीचे फेंक देते है इस प्रथा में हिन्दू हो चाहे मुसलमान दोनों ही बराबर श्रद्धा के साथ इस परंपरा को मानते है।
हालाँकि बच्चें इस तरह ऊपर से नीचे गिरने पर बहुत रोते है और कई दिनों तक सहमें रहते है लेकिन उनका भविष्य सुधर जाये इससे बढ़कर माँ बाप के लिए और क्या हो सकता है।